Thursday, July 10, 2014

छाछ (मठ्ठा ,तक्र )

छाछ (मठ्ठा ,तक्र )-

                                           दही को मथकर छाछ बनाया जाता है | छाछ अनेक शारीरिक दोषों को दूर करता है तथा आहार के रूप में महत्वपूर्ण है 
| छाछ या मठ्ठा शरीर के विजातीय तत्वों को बाहर निकालकर रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता की वृद्धि करता है | गाय के दूध से बानी छाछ सर्वोत्तम 
होती है | छाछ में घी नहीं होना चाहिए तथा यह खट्टी नहीं होनी चाहिए | 

                                    जिन्हे भूख न लगती हो या भोजन न पचता हो,खट्टी-खट्टी डकारें आती हों या पेट फूलता हो उनके लिए छाछ का सेवन 
अमृत के सामान लाभकारी होता है | छाछ गैस को दूर करती है,अतः मल विकारों और पेट की गैस में छाछ का सेवन लाभकारी होता है | यह 
पित्तनाशक होती है और रोगी को ठंडक और पोषण देती है | 


विभिन्न रोगों में छाछ से उपचार-

१- छाछ में काला नमक और अजवायन मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है |

२- अपच में छाछ एक सर्वोत्तम औषधि है | गरिष्ठ वस्तुओं को पचाने में भी छाछ बहुत लाभकारी है | छाछ में सेंधानमक,भुना हुआ जीरा तथा काली 
मिर्च पीसकर , मिलाकर सेवन करने से अजीर्ण दूर हो जाता है |

३- छाछ में शक्कर और काली मिर्च मिलाकर पीने से पित्त के कारण होने वाला पेट दर्द ठीक हो जाता है |

४- छाछ में नमक डालकर पीने से लू लगने से बचा जा सकता है |

५- एक गिलास छाछ में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर प्रतिदिन पीने से पीलिया में लाभ होता है |

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