Monday, July 07, 2014

एक्ज़िमा (ECZIMA) -

एक्ज़िमा (ECZIMA) -
                  
                      एक्ज़िमा एक प्रकार का चर्म रोग है जिसमें रोगी की स्थिति अति कष्टपूर्ण होती है| इस रोग की शुरुआत में रोगी को तेज़ खुजली 
होती है तथा बार-बार खुजाने पर उसके शरीर में छोटी-छोटी फुंसियां निकल आती हैं | इन फुंसियों में भी खुजली और जलन होती है तथा पकने पर 
उनमें से मवाद बहता रहता है और फिर यह जख्म का रूप ले लेता है | 

                                        एक्ज़िमा शरीर के किसी भी भाग में एक गोलाकार दाने के रूप में पैदा होता है जिसमें हर समय खुजली होती रहती है | 
मुख्य रूप से यह रोग खून की  खराबी के कारण होता है और चिकित्सा न कराने पर तेज़ी से शरीर में फैलता है | कब्ज़,हाज़मे की खराबी आदि और 
भी कारण से एक्ज़िमा हो सकता है | इस रोग में सफाई रखना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह संक्रमित रोग है | एक्ज़िमा में रोगी को खून साफ़ 
करने वाली औषधियों का प्रयोग करने के साथ-साथ नहाने के पानी में नीम की पत्तियां या एंटीसेप्टिक लिक्विड डालकर नहाना चाहिए| रोगी को 
खट्टी-मीठी वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए | 

  आज हम आपको एक्ज़िमा के उपचारार्थ कुछ औषधि बताएंगे -
१- नारियल के तेल में कपूर मिलाकर एक्ज़िमा वाले स्थान पर लगाने से लाभ होता है |
२- अजवायन को पानी के साथ पीसकर लेप बना लें | इस लेप को प्रतिदिन पीड़ायुक्त स्थान पर लगाने से कुछ ही दिनों में एक्ज़िमा समाप्त हो जाता है |
३- नीम के कोमल पत्तों का रस निकालकर उसमें थोड़ी सी मिश्री मिला लें | इसे प्रतिदिन सुबह पीने से खून की खराबी दूर होकर एक्ज़िमा ठीक होने लगता है |
४- हरड़ को गौमूत्र में पीसकर लेप बना लें | यह लेप प्रतिदिन दो से तीन बार एक्जिमा पर लगाने से लाभ होता है |
५- आश्रम द्वारा निर्मित कायाकल्प तेल के प्रयोग से भी एक्ज़िमा में बहुत लाभ होता है | यह तेल दिन में दो बार पीड़ायुक्त स्थान पर लगाने से आराम मिलता है |
६- एक लीटर तिल के तेल में २५० ग्राम कनेर की जड़ को उबालें | कुछ देर उबालने के बाद यह जड़ जल जाती है | इसे ठण्डा करके छान लें| इस तेल को प्रतिदिन रुई से एक्ज़िमा पर सुबह-शाम लगाने से एक्ज़िमा जल्दी ही ठीक हो जाता है |

No comments:

Post a Comment