Monday, July 07, 2014

SUVICHAAR

mohan bhai

कहते है - शब्दों के दांत नहीं होते है
लेकिन शब्द जब काटते है तो दर्द बहुत होता है..
और कभी कभी घाव इतने गहरे हो जाते है,
की जीवन समाप्त समाप्त हो जाता है 
परन्तु घाव नहीं भरते............. इसलिए जीवन में जब भी बोलो मीठा बोलो मधुर बोलों

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