मैंने मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी,
कम्बख़त जो भी उस से मिलता है,
जीना छोड़ देता है...!!
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
ग़ज़ब की एकता देखी लोगों की ज़माने में .......
ज़िन्दों को गिराने में और मुर्दों को उठाने में ..
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री" होगी,
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी ।
मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से,
ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" आख़री होगी ....।।।।
जन्म लिया है तो सिर्फ साँसे मत लीजिये,
जीने का शौक भी रखिये..
सागर के किनारो पे खजाने नहीं आते। पल जो फीसल गये हाथ
से वो दुबारा नहीं आते।
"जी भर के जीलो इन हसी पलो को जनाब।
क्योंकी....
फीर लौटके वो दोस्ती के जमाने नहीं आते।"
मुद्दत का सफर भी था,
ओर बर्षो कि चाहत भी थी,
रुकते तो बिखर जाते,
चलते तो दिल टूट जाते,
यु समझ लो की ......
लगी प्यास गज़ब कि थी,
ओर पानी मे भी ज़हर था,
पीते तो मर जाते,
ओर न पीते तो भी मर जाते....!!!!!!!!
"बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे,
शमशान में पिया करूंगा,
जब खुदा मांगेगा हिसाब,
तो पैग बना कर दिया करूंगा"
"नशा" "महोब्बत " का हो
"शराब" का हो ...- या -
"व्हाट्सप्प " का हो
" होश " तीनो मे खो जाते है
" फर्क " सिर्फ इतना है की,
"शराब" सुला देती है ..
"महोब्बत " रुला देती है ,
- और -
"व्हाट्सप्प " यारो की
याद दिला देती है ..!
समर्पित
सभी प्यारें दोस्त के लिए ...
मैंने मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी,
कम्बख़त जो भी उस से मिलता है,
जीना छोड़ देता है...!!
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
ग़ज़ब की एकता देखी लोगों की ज़माने में .......
ज़िन्दों को गिराने में और मुर्दों को उठाने में ..
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री" होगी,
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी ।
मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से,
ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" आख़री होगी ....।।।।
जन्म लिया है तो सिर्फ साँसे मत लीजिये,
जीने का शौक भी रखिये..
सागर के किनारो पे खजाने नहीं आते। पल जो फीसल गये हाथ
से वो दुबारा नहीं आते।
"जी भर के जीलो इन हसी पलो को जनाब।
क्योंकी....
फीर लौटके वो दोस्ती के जमाने नहीं आते।"
मुद्दत का सफर भी था,
ओर बर्षो कि चाहत भी थी,
रुकते तो बिखर जाते,
चलते तो दिल टूट जाते,
यु समझ लो की ......
लगी प्यास गज़ब कि थी,
ओर पानी मे भी ज़हर था,
पीते तो मर जाते,
ओर न पीते तो भी मर जाते....!!!!!!!!
"बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे,
शमशान में पिया करूंगा,
जब खुदा मांगेगा हिसाब,
तो पैग बना कर दिया करूंगा"
"नशा" "महोब्बत " का हो
"शराब" का हो ...- या -
"व्हाट्सप्प " का हो
" होश " तीनो मे खो जाते है
" फर्क " सिर्फ इतना है की,
"शराब" सुला देती है ..
"महोब्बत " रुला देती है ,
- और -
"व्हाट्सप्प " यारो की
याद दिला देती है ..!
समर्पित
सभी प्यारें दोस्त के लिए ...
No comments:
Post a Comment