आज का भगवद चिन्तन, राधे राधे , 22-6-2014
💥 प्रश्न सत्य के मिलने या ना मिलने का नहीं है। सवाल तुम्हारे सत्य होने का है, तुम अभी सत्य को उपलब्ध हुए या नहीं। बिना सत्य को जीये परमात्मा मिलेगा भी नहीं।
💥 जैसे पानी-पानी चिल्लाने से किसी की प्यास नहीं बुझ सकती। बैसे ही सत्य-सत्य कहने से कोई सत्य को अनुभव नहीं कर सकता। ""प्रकाशे क्वापि पात्रे " नारद भक्ति सूत्र में वर्णन आया है कि वह प्रकाश किसी विरले (पात्र) को ही प्राप्त होता है।
💥 तुम केवल अपने जीवन के असत्य को, गंदगी को , तमस को छोड़ने का चिंतन करो बस। सत्य खोजना नहीं है, तुम्हें सत्य होना है। तुम सत्य लेकर पैदा हुए हो, तुम उसे लिए बैठे हो। ईस्वर कोई दृश्य, वस्तु, या पदार्थ नहीं है जो तुरंत मिल जायेगा। ईश्वर अनुभूति का विषय है। वह उन्हीं को मिलता है जो जिन्दगी दांव पर लगाने का तैयार होते हैं।
संजीव कृष्ण ठाकुर जी
💥 प्रश्न सत्य के मिलने या ना मिलने का नहीं है। सवाल तुम्हारे सत्य होने का है, तुम अभी सत्य को उपलब्ध हुए या नहीं। बिना सत्य को जीये परमात्मा मिलेगा भी नहीं।
💥 जैसे पानी-पानी चिल्लाने से किसी की प्यास नहीं बुझ सकती। बैसे ही सत्य-सत्य कहने से कोई सत्य को अनुभव नहीं कर सकता। ""प्रकाशे क्वापि पात्रे " नारद भक्ति सूत्र में वर्णन आया है कि वह प्रकाश किसी विरले (पात्र) को ही प्राप्त होता है।
💥 तुम केवल अपने जीवन के असत्य को, गंदगी को , तमस को छोड़ने का चिंतन करो बस। सत्य खोजना नहीं है, तुम्हें सत्य होना है। तुम सत्य लेकर पैदा हुए हो, तुम उसे लिए बैठे हो। ईस्वर कोई दृश्य, वस्तु, या पदार्थ नहीं है जो तुरंत मिल जायेगा। ईश्वर अनुभूति का विषय है। वह उन्हीं को मिलता है जो जिन्दगी दांव पर लगाने का तैयार होते हैं।
संजीव कृष्ण ठाकुर जी
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